ये सब रुकना चाहिये क्योंकि एक-एक जिंदगी बहुत कीमती है। आतंकियों का खेल खेलने का तरीका बेगुनाहों को मौत के घाट उतार देता है। पल भर में सब तबाह हो जाता है। सुहाग उजड़ जाते हैं, अपने बिछुड़ जाते हैं और बसे बसाये आशियाने बिखर जाते हैं। यह इंसानियत को शर्मसार करने वाला कृत्य है।
तड़पते इंसानों को देखना बहुत की पीड़ादायक होता है, मगर उनपर जो बीत रही होती है वह इससे भी कई गुना दर्दनाक है। हम अब तक पूरी तरह नहीं समझ पाये कि यहां कोई भी सुरक्षित है। कभी भी किसी की जान जा सकती है क्योंकि हमारे आसपास हर समय मौत मंडरा रही है। सच यह भी है कि हम अपनी मौत से भाग नहीं सकते।
यह भी देखें : इलाज से पहले बीमारी जानें
....................जिंदगी छिनने का मातम
आतंकी कहीं कुछ भी कर सकते हैं। उनके इरादे कितने खतरनाक हैं यह भी हम सब जान गये हैं। और यह भी कि उनके लिये केवल हम भेड़-बकरी हैं जिन्हें कब हलाल करना है या झटके से मारना है वे अच्छी तरह जानते हैं। फिर हम ठहरे हुये क्यों है? हमारी सुरक्षा व्यवस्था के जिम्मेदार हम खुद ही हैं क्योंकि जिनके हाथ हमारी सुरक्षा का जिम्मा है शायद उनकी खिड़की के कांच अभी चटके नहीं हैं।
-Harminder Singh
तड़पते इंसानों को देखना बहुत की पीड़ादायक होता है, मगर उनपर जो बीत रही होती है वह इससे भी कई गुना दर्दनाक है। हम अब तक पूरी तरह नहीं समझ पाये कि यहां कोई भी सुरक्षित है। कभी भी किसी की जान जा सकती है क्योंकि हमारे आसपास हर समय मौत मंडरा रही है। सच यह भी है कि हम अपनी मौत से भाग नहीं सकते।
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आतंकी कहीं कुछ भी कर सकते हैं। उनके इरादे कितने खतरनाक हैं यह भी हम सब जान गये हैं। और यह भी कि उनके लिये केवल हम भेड़-बकरी हैं जिन्हें कब हलाल करना है या झटके से मारना है वे अच्छी तरह जानते हैं। फिर हम ठहरे हुये क्यों है? हमारी सुरक्षा व्यवस्था के जिम्मेदार हम खुद ही हैं क्योंकि जिनके हाथ हमारी सुरक्षा का जिम्मा है शायद उनकी खिड़की के कांच अभी चटके नहीं हैं।
-Harminder Singh