बंद घड़ी


दीवार घड़ी बार-बार रूक जाती है। समय की गड़बड़ी की वजह से मेरे जैसे इंसान को बहुत दिक्कत हो जाती है। गलती से कई बार लेट हो चुका हूं। यह बिल्कुल अच्छा नहीं लगता। मजेदार यह है कि घड़ी रात में किसी समय बंद हो जाती है यानि सोने के दौरान। ऐसा जान पड़ता है जैसे कोई हमारे नींद में होने का इंतजार करता है। 

हमने छानबीन करने की कभी कोशिश नहीं। पहले भी उस घड़ी में ऐसा हो चुका। मतलब घड़ी में समस्या है या जड़ कुछ ओर है। बैटरी को निकालकर दोबारा लगाने पर घड़ी चालू हो गयी थी। पांच-छह बार घड़ी के बंद होने पर ऐसा किया था।  हार कर हमने घड़ी की बैटरी को बदल दिया था। उसके बाद शिकायत नहीं आयी। किसी ने बताया कि एक निश्चिचत समय के बाद बैटरी मंद पड़ जाती है।

इस बार भी बैटरी बदलनी पड़ेगी। शायद समय पूरा हो गया उसकी उम्र का। लेकिन कई बार हम थोड़ी सुस्ती दिखाते हैं। घड़ी की बैटरी से ही समस्या सुलझ सकती है।

जब इंसान थोड़ा सुस्त हो जाता है तो उसे ऊर्जा की जरूरत होती है। उसके पास कई तरीके होते हैं ऐसा करने के लिये। बेचारी घड़ी की टिकटिक भी इंसानों पर टिकी है। 

-हरमिन्दर सिंह चाहल.

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