साफ और सेहतमंद हवा की बात ही कुछ और है

यह बात चौंकाने वाली है कि बाहर से पांच गुना ज्यादा प्रदूषण हमारे घरों में होता है.
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प्रदूषित हवा में सांस लेने का सबसे अधिक असर हमारे फेफड़ों पर पड़ता है। कई बार यह असर इतना खतरनाक हो सकता है कि हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते। दूषित हवा से हर साल बहुत लोग कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं।

कम लोग ही जानते हैं कि हवा में मौजूद खतरनाक कैमिकल्स का असर हमारे मस्तिष्क पर भी पड़ता है। साथ ही दिल, गुर्दे, लीवर आदि भी प्रभावित होते हैं। बच्चों, महिलाओं और उम्रदराज लोगों पर प्रदूषित हवा में सांस लेने का सबसे गहरा असर होता है। खासकर बच्चों और वृद्धों में आसानी से रोग फैलते हैं और देखते ही देखते वे गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।

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घर की दूषित हवा से होने वाले आम समस्याएं:
1 बार-बार सिरदर्द होना.
2 खांसी या जुकाम की शिकायत.
3 गले में खरास होना.
4 आंखों में जलन या दर्द होना.
5 सांस लेने में दिक्कत या सीने में भारीपन महसूस करना.

एक बात चौंकाने वाली यह है कि बाहर से ज्यादा प्रदूषण हमारे घरों में होता है। यानि घर में सांस लेने वाली हवा हमारे स्वास्थ्य के लिए घातक है। यह कहा जाता है कि बाहर की हवा के मुकाबले घरों में 5 गुना खतरनाक हवा होती है जिसका सीधा प्रभाव हम पर पड़ता है।

इस समस्या से निपटने के लिए हम अपने स्तर से काफी कुछ कर सकते हैं. आइए नजर डालते हैं:
1. गैस का चूल्हा जलाते समय किचन की खिड़कियां या दरवाज़ा खुला रखें ताकि चूल्हा जलने पर उससे बाहर निकलने वाली अदृश्य गैसें घर में न रहें। चूल्हे की नली, बर्नर आदि की सफाई और देखभाल नियम से करते रहना जरुरी है।
2. घर में वैटिंलेंशन व्यवस्था बेहतर होनी चाहिए। गंदी हवा ठहरनी नहीं चाहिए। वह खिड़कियों या अन्य तरीके से बाहर जानी चाहिए।
3. पेस्टीसाइड का इस्तेमाल करने से बचें। इनसे निकलने वाले कैमिकल बेहद खतरनाक हैं। बंद घरों में इनसे सबसे अधिक हवा प्रदूषित की बात सामने आयी है।
4. सिगरेट आदि के सेवन से कैंसर की संभावना सबसे अधिक होती है। घरों में इसके सेवन से बचें। पीने वाले के साथ-साथ इसका धुंआ आसपास के क्षेत्र को भी खतरनाक रुप से प्रभावित करता है। सांस की बीमारियों के मरीज उन घरों में अधिक पाये जाते हैं जहां कोई एक व्यक्ति भी धूम्रपान करता है।
5. एयर कंडीशनर को समय-समय पर जांचते रहें।
6. घर में पानी या नमी का जमाव न होनें दे क्योंकि यह खतरनाक तरह की फफूंद आदि को उत्पन्न कर सकता है जिसके कण हवा में उड़कर हमारे फेफड़ों में पहुंचकर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
7. ऐसे पेंट का इस्तेमाल करें जिसमें से हानिकारक गैसें न निकलती हों। पेंट को लगाने के कई महीने बाद तक भी खतरनाक फॅारमेल्डीहाइड और एसिटेल्डीहाइड जैसे खतरनाक रसायन निकलते हैं जो हमारे फेफड़ों के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक हैं।

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एशियन पेंट्स ने इसपर काफी लंबा रिसर्च किया है। उसके बाद रॉयाल एटमॉस(Royale Atmos) पेंट लाये हैं जिससे घरों की दूषित हवा को साफ करने में मदद मिलेगी। इस पेंट की वजह से आपको आम पेंट्स वाली गंदी बदबू से भी छुटकारा मिलेगा। देर मत करिये पुराने पेंट को अलविदा कहें और अपने परिवार को गंदी हवा के प्रकोप से बचाने के लिए एशियन पेंट्स का रॉयाल एटमॉस दीवारों की सजावट और सुन्दरता बढ़ाने के लिए लगायें। यकीन मानिए साफ और सेहतमंद हवा की बात ही कुछ ओर है।



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