‘सचिन’ कभी बूढ़ा नहीं होगा

sachin tendulkar, sachin portrait, sachin sketchदुनिया ने उसे देखा। उसकी महानता को सलाम किया। सौ शतक लगाकर वह भोली सूरत, हल्की मुस्कान के साथ फिर इतिहास रच गया। सचिन के अलावा भला ऐसा कौन कर सकता है।

खामोश रहा वह, दबाव भी था, लेकिन इंतजार था सही मौके का। इस घुंघराले बालों वाले छोटे कद के शख्स से अभी और उम्मीद है। सचिन की उम्र के क्रिकेटर कब के रिटायर हो आराम फरमा रहे हैं। सचिन नहीं थके, न बल्ले को चुप किया। सन्यास जब लेंगे तब लेंगे, लेकिन ‘सचिन’ कभी बूढ़ा नहीं होगा। इसी तरह मंद मुस्कान के साथ बल्ले से रोमांच पैदा करता रहेगा।

‘सचिन’ इतना विशाल हो चुका। नाम के शब्द की परिभाषा विस्तृत है। कद छोटा है, फिर भी कद बहुत बड़ा है। असल में यही ‘सचिन’ है जिसके मायने क्या हैं, शायद हमारी सोच से परे।

लता जिसे पसंद करती हैं, निश्चित ही वह श्रेष्ठ होगा। ब्रैडमैन से जिसकी तुलना की जाए, यकीनन वह महान होगा। भारत में गावस्कर भूला जा सकता है, ‘सचिन’ नहीं।

जानते हैं हम :

अगर कांपेंगी उंगलियां उसकी,
ग्रिप ढीला नहीं होगा,
लड़खड़ायेंगी टांगें
तब भी वह क्रिज पर होगा,
.......क्योंकि ‘सचिन’ कभी बूढ़ा नहीं होगा।'

-harminder singh