आभार उनका जो मुझे कतरा भी सिखा गये

रास्ते में मेरी मुलाकात एक लड़के से हुई जो मेरे पुराने टीचर का शिष्य है। उसने बताया कि वे अब काफी कमजोर हो गये हैं। लेकिन उनका पढ़ाने का तरीका सबसे श्रेष्ठ है। दो बार दिल का दौरा पड़ चुका फिर भी दूसरों को शिक्षित कर रहे हैं।

हर किसी के जीवन में शिक्षकों का महत्व होता है। कुछ शिक्षक ऐसे होते हैं जिनकी छाप आप पर तमाम जिंदगी रहती है। बहुत समय पहले मैंने अपने स्कूल के दिनों पर एक छोटा लेख लिखा था। एक व्यक्ति ने उसपर टिप्पणी कर कहा था कि निश्चित आपके शिक्षक ऐसे रहे होंगे जो आप इतने उत्तम विचार लिख पाये। तब मेरे आंखें एक पल को नम हो गयी थीं। 

हमारी जिंदगी में कई ऐसे लोग महत्व रखते हैं जिनसे हमारे जीवन को प्रेरणा मिलती है। हौंसला मिलता है और जीवन की बारीकियों को समझने की सोच विकसित होती है। यह यूं भी नहीं हो जाता। 

हम स्वयं कई चीजों को समझकर अपनी राह पर आगे बढ़ते हैं। रास्ता कठिन भी हो सकता है, आसान भी। चुनाव से पहले यह मालूम नहीं होता। लेकिन चुनाव के लिये स्वयं पर भरोसा होना भी आवश्यक है। 

मेरी राह मुझे चुननी है। सफर मैं तय करूंगा। परिणाम हासिल मुझे होगा। मगर जो लोग इन राहों से पहले गुजर चुके उनके अनुभव सफर को पेचीदा होने से बचाने में मदद करेंगे। वे शिक्षक भी होंगे, मार्गदर्शक भी। 

मैं आभार व्यक्त करना चाहता हूं उन सभी का जिनसे मैं प्रेरित हुआ कुछ नया करने के लिये। ये शिक्षक हैं, परिजन हैं, मित्र हैं, शुभचिंतक हैं, जिन्हें मुझसे ईर्ष्या है या फिर कोई भी वह शख्स जो मुझे कतरा भी सिखा गया। वह दीवार भी जो है मेरे सामने। इतने बरस हो गये, न वह कुछ बोली, न मैं। 

-हरमिन्दर सिंह चाहल.
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