बुढ़ापा आने का इंतजार करुंगा मैं
इंतजार करुंगा उसके आने का,
खुद पर छाने का,
दौड़ता है खून रगों में,
थकान कहां आती है,
इतराता हूं जमकर,
चंचलता रंग लाती है,
इंतजार करुंगा उसके आने का,
खुद पर छाने का...
सुना है वह आता है,
फिर कभी न जायेगा,
तब चुप्पी साध लूंगा,
कौन मौन तोड़ पायेगा,
इंतजार करुंगा उसके आने का,
खुद पर छाने का...
ओढ़कर उम्रदराजी की चादर,
बैठूंगा कोने में,
काया होगी दुर्बल,
परेशानी सोने में,
इंतजार करुंगा उसके आने का,
खुद पर छाने का...
जीवन बदलेगा मेरा,
जर्जरता परिवर्तन लायेगी,
लाठी का सहारा तब मुझे,
जवानी स्मृति बन जायेगी,
इंतजार करुंगा उसके आने का,
खुद पर छाने का...
बुढ़ापा कर्कश होगा,
जानता हूं मैं,
हौंसला चाहिए रखना,
मानता हूं मैं,
इंतजार करुंगा उसके आने का,
खुद पर छाने का।
-हरमिन्दर सिंह चाहल.
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