Home old age बुढ़ापा सामने खड़ा है बुढ़ापा सामने खड़ा है harminder singh / Tuesday, June 28, 2011 मैं खड़ा रहा शांत,कमर झुकाए,सहारा लाठी का लिए,मेरी तरह कमजोर,पर मैं मूक नहीं,कहता हूं जरुर,सुनने वाला कौन भला,मूक बनना पड़ा,विवशता और लाचारी,मुझसे कह रही-‘नियति है यह,बुढ़ापा सामने खड़ा है,इसे अपना लो।’-Harminder Singh