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अनीशा.....
तुम मुझसे इतना प्यार क्यों करती हो? मैं जानता हूं कि प्यार लोग हद तक करते हैं। उनके लिए प्यार सब कुछ होता है। दुनिया को भुला देने की बातें करने लग जाते हैं लोग।
मुझे लगता है तुम्हारी लाइफ का यह नाजुक दौर है। तुम्हें इसका मुकाबला करना है। स्वयं इसे लड़ना है क्योंकि यहां हार-जीत सिर्फ तुम्हारी होगी। मैं चाहता हूं कि तुम इसे जीतो। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं और रहूंगा।
तुम ‘छुईमुई’ की तरह भी हो। मामूली बात पर गुस्सा तुम्हारी नाक को लाल कर देता है। इतना गुस्सा क्यों करती हो? छोड़ दो गुस्सा करना।
मैं जब तुम्हारे बारे में सोचता हूं तो पाता हूं कि तुम्हारी जिंदगी टेड़ी-मेढ़ी पटरी पर बह रही है। उससे शायद तुम खुद भी अंजान हो। जानती हो, जिंदगी हमारी फिक्र कभी नहीं करती, फ़िक्र रहती है तो सिर्फ हमें। यही जिंदगी का दस्तूर है।
भोली भी काफी हो तुम। दिल से सोचने बैठ जाती हो। शायद लड़की हो, इसलिए ऐसा करती हो। जानती हो, दिल इंसान का नाजुक हिस्सा है। जो लोग दिल से ज्यादा सोचते हैं, वे अपने दिमाग को भूल जाते हैं। हां, यह सच है कि हमें दिल की भी सुननी चाहिए, लेकिन फैसला दिमाग पर छोड़ देना चाहिए।
तुम्हारे बारे में ध्यान करने पर मुझे सबसे पहले उस मां का चेहरा नजर आता है जो कितना कुछ सोचे बैठी है अपनी इस प्यारी बेटी के लिए। जिसे हर मां की तरह लगता है कि उसकी बेटी उसे खुशियां लाकर देगी, उसका नाम रोशन करेगी और अच्छे से घर में जिसकी शादी होगी। तुम्हारी मां तुमसे खुश है। उन्हें भरोसा है तुम पर।
तुम प्यार उनसे करो जो तुम्हारी जिंदगी को अभी तक संवारते आये हैं। कुछ समय अकेले बैठकर सोचो कि उन्होंने तुम्हारे लिए क्या किया है? तुमने उनसे कितना पाया है। उनका एक तरह से उधर है तुमपर जिसे कभी चुकता नहीं किया जा सकता। तुम इतना जरुर कर सकती हो कि तुम उन्हें हमेशा खुश रखो। तुम सिर्फ उनसे प्यार करो। फिर देखना किसी अंजान के लिए तुम्हारे दिल में सोचने का समय ही नहीं बचेगा।
राज....
-Harminder Singh