कुत्तों की सभा

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कुत्तों ने की सभा,
और पंचायत बुलाई,
जब अपने दल का नेता
चुनने की बारी आई,
बुजुर्ग कुत्ता हीरा बोला,
‘ध्यान से सुनो बात भाई,
हमारा सौभाग्य है,
आज यह शुभ घड़ी आई,
जब हमारे भाग जगेंगे,
एक ऐसा नेता चुना जायेगा,
जो हमारी सुनेगा,
जाति को एकजुट रहना सिखाएगा।’

पर यह क्या?
हुई बूथ कैप्चरिंग,
मतदान हुआ दोबारा,
नेता चुना गया
उनके दल का मिस्टर तारा,
अगले दिन उसने एकजुटता के
संदेश हेतु सभा बुलाई,
बुद्धिजीवी और प्रतिष्ठित कुत्तों
की दूर-दूर से टोली आई,
शुरु हुआ उसका भाषण
कहने लगा वह जब,
एकजुट रहना होगा,
जाति को हमारी अब।
नहीं तो वह दिन दूर नहीं,
जब हम शोषित किये जायेंगे,
हर कोई राज करेगा हम पर,
गुलाम सबके बन जायेंगे,

उसके भाषण को सुन,
सबने ये कसम खाई,
एक रहेंगे सदा,
नहीं लड़ेंगे आपस में लड़ाई,
तभी अचानक!
किसी ने फेंकी रोटी,
देख रहा गया तारा दंग,
हुई लड़ाई आपस में,
और सभा हो गयी भंग।

-Harminder Singh