भारत रत्न से इस बार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को नवाजा जा सकता है। ऐसी चर्चा चारों ओर की जा रही है। चर्चा इसलिए भी गर्म है क्योंकि इस बार एक नहीं पांच भारत रत्न दिये जाने की संभावना है। सुनने में आया है कि भारत सरकार ने पांच मेडल बनाने का आॅर्डर रिजर्व बैंक को दिया है। अटल के अलावा मेजर ध्यानचंद, सुभाष चन्द्र बोस, मदन मोहन मालवीय आदि नामों की चर्चा की जा रही है।
अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न नरेन्द्र मोदी की सरकार में मिलने की पूरी संभावना जताई जा रही है। वे तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। दो बार 13 दिन के लिए रहे जबकि एक बार पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। 1996 और 1998 में अटल बिहारी 13 दिन को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे। दो बार एक सा दिनों का आंकड़ा उनके लिए हैरानी भरा रहा होगा। उसके बाद 2004 तक प्रधानमंत्री रहे।
मेजर ध्यानचंद को हाॅकी का जादूगर कहा जाता है। उनके बारे में कहा जाता है कि गेंद उनकी हाॅकी स्टिक के करीब है तो वह उसे छोड़ते नहीं थे और गोल पक्का होता था। इतनी फुर्ती थी उनमें कि ऐसा लगता था जैसे गेंद स्टिक पर चिपक गयी है। उन्होंने 1928, 1932 और 1936 के आॅलंपिक में भारत को लगातार तीन बार विजेता बनवाया। उन्होंने इंटरनेशनल करियर में 400 गोल दागे। ध्यानचंद का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहबाद में हुआ था।
मदन मोहन मालवीय ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। नरेन्द्र मोदी का चुनावी अभियान बनारस से शुरु हुआ। वे बनारस से चुनाव जीतकर भारत के प्रधानमंत्री भी बने।
माना जा रहा है कि इस बार भारत रत्न पाने वाली हस्तियां एक से अधिक हो सकती हैं। इनमें अटल बिहारी वाजपेयी का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है।
-हरमिन्दर सिंह चाहल.
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बुरे हाल में यूपी......हम दो हमारे दो....आंखें अभी गीली हैं....बेटी होना अपराध न बन जाये कहीं
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मेजर ध्यानचंद को हाॅकी का जादूगर कहा जाता है। उनके बारे में कहा जाता है कि गेंद उनकी हाॅकी स्टिक के करीब है तो वह उसे छोड़ते नहीं थे और गोल पक्का होता था। इतनी फुर्ती थी उनमें कि ऐसा लगता था जैसे गेंद स्टिक पर चिपक गयी है। उन्होंने 1928, 1932 और 1936 के आॅलंपिक में भारत को लगातार तीन बार विजेता बनवाया। उन्होंने इंटरनेशनल करियर में 400 गोल दागे। ध्यानचंद का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहबाद में हुआ था।
मदन मोहन मालवीय ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। नरेन्द्र मोदी का चुनावी अभियान बनारस से शुरु हुआ। वे बनारस से चुनाव जीतकर भारत के प्रधानमंत्री भी बने।
माना जा रहा है कि इस बार भारत रत्न पाने वाली हस्तियां एक से अधिक हो सकती हैं। इनमें अटल बिहारी वाजपेयी का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है।
-हरमिन्दर सिंह चाहल.
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