Home pain कष्ट में कोई न हो कष्ट में कोई न हो Harminder Singh Chahal / Saturday, July 02, 2011 चिलचिलाती धूप में,नंगे पांव चल रहा हूं,गर्म रेत की सतह पर,धीरे-धीरे बढ़ रहा हूं,मांगता हूं सूरज से,यही कि वह उदास न हो,कितनी पीड़ा हो मुझे,इसका उसे अहसास न हो,ऐसा ही हूं मैं,ऐसा ही,दुख सह लूंगा स्वयं,कष्ट में कोई न हो।-Harminder Singh