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रंगीन छटा की मतवाली चाल से जीवन उत्साहित हो जाये। यह सुखद होगा। यह अनोखा होगा। यह ऐसा होगा जो जीवन को सुन्दर बनायेगा। श्रेष्ठ होगा जीवन नये आकाश छूने को बेताब... |
रोज हमारा दिन एक जैसा नहीं हो सकता। हर दिन बदलाव लिये होता है। यह बदलाव हम पर भी निर्भर करता है। सही मायनों में दिन बनता है, और बिगड़ता है।
जिन लोगों के साथ दिनभर अच्छी घटनायें नहीं होतीं, वे कहते हैं उनका दिन बिगड़ गया। यदि उससे अप्रिय कुछ ओर हो तो उसे क्या कहेंगे।
दिन की शुरूआत हमसे होती है। सुबह से शुरू हुई भागदौड़ शाम तक खत्म हो सकती है या उसके बाद। थक हारने के बाद परास्त होने की बात कही जा सकती है, लेकिन थकता विजेता भी है।
हमारा कार्यव्यवहार दिन का इंतजाम करता है। मुस्कराते चेहरे दूसरों का दिन बना सकते हैं। बुझे चेहरे उजले चेहरों पर भी बेनूरी ला सकते हैं। क्यों न हम दो इंच खुशी का इंतजाम करें, ताकि दुनिया में रौनकें कम न हों। हर जगह रंग बिखर जायें और हर पल खुशगवार हो जाये।
रंगीन छटा की मतवाली चाल से जीवन उत्साहित हो जाये। यह सुखद होगा। यह अनोखा होगा। यह ऐसा होगा जो जीवन को सुन्दर बनायेगा। श्रेष्ठ होगा जीवन नये आकाश छूने को बेताब।
-हरमिन्दर सिंह.
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