बदलाव लाती हैं छुट्टियां


मैं अपनी छुट्टियों में जयपुर और मंसूरी गया था। जयपुर एक बहुत अच्छा शहर है। हर जगह हरियाली ही हरियाली है। मैंने वहां हवामहल देखा। वह एक बहुत बड़ा महल है, लेकिन हम उसके अंदर नहीं गए। जयपुर हम दस दिन के लिए एक होटल में रुके थे। जयपुर के चिड़ियाघर में हमने एक चिड़िया देखी जिसका आकार बहुत बड़ा था। उसका नाम इमू था। हमने सफेद मोर भी देखा। पशुघर में सफेद बाघ, दाड़ी वाला शेर, सफेद चीता आदि विचित्र जानवर देखे।

उसके बाद मंसूरी हम पंद्रह दिन के लिए रुके जहां हमने झरने, पहाड़ देखे। वहां मैंने एक दूरबीन खरीदी। हम तीन पहाड़ों पर चढ़े भी। मंसूरी में बहुत ठंड थी।

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मुझे छुट्टियां मनाना बहुत अच्छा लगता है क्योंकि छुट्टियों के दिन न विद्यालय जाना पड़ता है और न इतना पढ़ना पड़ता है।

छुट्टियां हमारी जिंदगी में बदलाव लाती हैं। आप सोचिए अगर आपकी एक भी दिन छुट्टी न हो तो आपको कैसा लगेगा। ये सवाल अगर आप किसी पढ़ाई के शौकीन बच्चे से भी पूछें तो उसका जबाव भी यही होगा कि छुट्टियां अच्छी होती हैं।

बिना छुट्टियों के सब बोर हो जाते हैं, इसलिए छुट्टियों की जरुरत हर किसी को पड़ती है।

-अनमोल

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