बरसाती मौसम का अपना आनंद है। गरमी से राहत मिली। पसीना नहीं आया। थकान भी मानो गायब रही। ऊपर से मौसम में ताजगी और ठंडक के कारण मन में खुशी है।
किसानों के लिये सबसे बड़ी मेहर हुई। धान के खेत में पानी-पानी हो गया। किसान खुशी से झूमा। हालांकि वह भी जानता है कि यह शुरूआती फुहार की तरह था, लेकिन सूखी धरती के लिये किसी वरदान से कम नहीं। राहत कितने दिन की है यह मालूम नहीं, पर जितने दिन भी है किसान को बहुत बड़ा सहारा सिद्ध होगी। बिजली की समस्या के कारण किसान के लिये पानी की समस्या थी। वह दुखी था क्योंकि उसकी फसल सूख रही थी या बोने की सोचते हुये भी वह घबरा रहा था। बरसात ने उसे बहुत राहत दी है।
आम लोगों की समस्या गरमी से निजात की थी। वे भीषण गरमी से व्याकुल थे। बरसात ने उन्हें राहत दी। वे भगवान का शुक्रिया कर रहे हैं।
-हरमिन्दर सिंह चाहल.
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