रवि उन संगीतकारों में से थे जिनकी धुनें हमें याद तो हैं लेकिन यह पता नहीं कि उन्हें बनाने वाला कौन है? हम उन्हें गुनगुनाते भी हैं, मगर मालूम नहीं है कि संगीत किसने दिया? रवि का संगीत ऐसा है जिसे राह चलते भिखारी से लेकर बैंड बाजे वाले गाते-बजाते आ रहे हैं। एक गीत ’गरीबों की सुनो, वो तुम्हारी सुनेगा, तुम एक पैसा दोगे, वो दस लाख देगा’ काफ़ी मशहूर है। ’आज मेरे यार की शादी है’ सदियों से शादियों में बजता आया है।
बच्चों के लिए भी कई गीतों की यादगार धुनें रवि ने बनार्इं। ’दादी अम्मा दादी-अम्मा मान जाओ’, ’हम भी अगर बच्चे होते’ आदि आज भी उसी तरह ताजा हैं। ’चंदा मामा दूर के, पुए पकायें बूर के’ का संगीत और गीत भी उन्हीं के थे।
1950 में वे मुंबई आ गये थे। वे गायक बनना चाहते थे। कई साल तक संघर्ष किया, काम नहीं मिला। मलाड स्टेशन पर भूखे पेट भी सोना पड़ा। उन दिनों के मशहूर संगीतकार हेमंत कुमार ने उन्हें पहचाना। उसके बाद गुरुदत्त के साथ ने उनकी दुनिया ही बदल दी। उनका पहला ब्रेक ’चौदहवीं का चांद’ के लिए उन्हें मिला जिसका संगीत आज भी अमर है। यश चोपड़ा और बी.आर. चोपड़ा जैसे दिग्गजों के साथ उन्होंने काम किया और सदाबहार संगीत दिया।
रवि के द्वारा दिये संगीतबद्ध किये ‘निकाह’ फिल्म के गीत की लाइनें हैं :
‘अभी अलविदा मत कहो दोस्तों
न जाने फिर कहाँ मुलाकात हो।’
कुछ ख़ास बातें :
- रवि के बेटे का विवाह अभिनेत्री वर्षा उसंगावकर से हुआ है.
- रवि ने दूरदर्शन के जाने-माने सीरीयल ‘महाभारत’ का संगीत भी दिया.
- उन्हें मलयालम फिल्मों में ‘बाम्बे रवि’ के नाम से जाना जाता है.
- शम्मी कपूर पर फिल्माया गया मशहूर गीत ‘एक बार देखो हजार बार देखो’ भी रवि ने ही संगीतबद्ध किया.
कुछ यादगार गीत :
- दिल के अरमां आंसुओं में बह गए
- बाबुल की दुआयें लेती जा
- आज मेरे यार की शादी है
- गरीबों की सुनो, वो तुम्हारी सुनेगा
- चंदा मामा दूर के
- नीले गगन के तले
- जब चली ठंडी हवा
- तुझे सूरज कहूं या चंदा
- चौदहवीं का चांद हो
- सौ बार जनम लेंगे
- कैट माने बिल्ली
- हम भी अगर बच्चे होते
- दादी-अम्मा दादी-अम्मा माना जाओ
- कल चमन था आज सेहरा हुआ
- तुझको पुकारे मेरा प्यार
- मेरी जोहरा जबी तुझे मालूम नहीं.
-हरमिंदर सिंह चाहल.
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